Saturday, March 28, 2015

सोंच  में डूबा हुआ चेहरा तुम्हारा -----?
लग रहा मुझको अपरचित ,किन्तु प्यारा 
खोजता हु आज भी  मै 
वही  चिर परचित  मंद सी मुस्कान 
किन्तु हारा ----
                           अशोक जौहरी 
                9450447602 

Thursday, March 26, 2015

हवा के झोंके से
खिढ़की के पार 
गमले में लगा फूल 
हवा के झोंके से 
लहरा गया 
हवा में गंध बिखेर कर 
जैसे गीत गा गया 
मै  अकेला था घर में  
और वह दिल बहला  गया 
                   ----अशोक जौहरी