हवा के झोंके से
खिढ़की के पार
गमले में लगा फूल
हवा के झोंके से
लहरा गया
हवा में गंध बिखेर कर
जैसे गीत गा गया
मै अकेला था घर में
और वह दिल बहला गया
----अशोक जौहरी
खिढ़की के पार
गमले में लगा फूल
हवा के झोंके से
लहरा गया
हवा में गंध बिखेर कर
जैसे गीत गा गया
मै अकेला था घर में
और वह दिल बहला गया
----अशोक जौहरी
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