जल में अध् डूबे हम तुम
बाहों में बाहे लिपटी है
आँखों में मदिरा है तेरे
और गेसू में शबनम
फिर मेरे लव क्यों प्यासे है
क्यों जलता है तन मन
आओ प्रिये इन बहकी राहो पर
लेले हम आज एक और कदम
बाहों में बाहे लिपटी है
आँखों में मदिरा है तेरे
और गेसू में शबनम
फिर मेरे लव क्यों प्यासे है
क्यों जलता है तन मन
आओ प्रिये इन बहकी राहो पर
लेले हम आज एक और कदम