Monday, December 2, 2013

न हम मरते न तुम 


स्वर्ग सिधारे दो यूवक 
अचानक किसी मोड़ पर 
एक दूसरे से टकराए 
एक ने दूसरे से पूछा 
 क्यू  भई  आप यहाँ कैसे आए 
अजी बस पूछिए नहीं 
हमारे दिल ने बहुत सदमे खाए 
और जब दिल भर गया 
तो हम यहाँ चले आए 
हुआ य़ू --
कि एक दिन मुझे शक हो गया 
कि मेरे दफ्तर जाते ही 
कोई मेरे घर आता है 
मेरी बेगम से इश्क लड़ाता है 
आखिर कैसे सहता 
था मै  भी पुराना घाघ  
एक दिन घर से निकला दफ्तर के लिए 
और बेगम के दरवाजे भेड़ते  ही 
सामने वाले घर में जा कर 
उसकी खिडक़ी पर जम  गया 
नज़रो के टेलिस्कोप को 
अपने दरवाज़े पर फोकस किया 
तो देखता हू ---
एक पुरुष मेरे घर में 
ठीक मेरी तरह घुस गया 
मेरी तो जमीन  ही खिसक गई 
होश गुम हो गया 
मैं  भाग कर वहा  पंहुचा 
तो घर में उसे कही नहीं पाया 
हमारे दिल ने ये आखरी सदमा खाया 
फिर मै  वहाँ  क्या करता 
फ़ौरन स्वर्ग का टिकट कटाया 
और थ्री टायर में यहाँ चला आया 
लेकिन मित्र तुम ? 
तुम यहाँ कैसे आए ?
मुझे -मुझे तो ठंडक ने मारा
अरे ढूढ़ा ही था तो ठीक से ढूढ़ते 
फ्रिज खोल कर तो देखते 
न हम मरते न तुम मरते 

                             अशोक जौहरी 
आंधी के ये झोंके 

तेज़ तूफ़ान सी 
आंधी के ये झोंके 
कि जिनमे कांपती शमां 
जलते बुझते ,किसी तरह जिए 
ज़िंदगी की  हर परेशानी सहे 
और उस पर 
जिसकी मंज़िल  मौत है 
उस रास्ते  पर 
तेज़ कदमो से भगे 
साथ ही खुद को जला दे 
तन गला दे 
आखरी छण तक 
हज़ारो राहगीरो को 
सही राहे  दिखा दे 
किन्तु फिर भी जब मरे 
संसार ये इलज़ाम मढ़ दे 
रात से सुबह तक 
ढेर सारे  इसने परवाने जलाये 

                                  अशोक जौहरी 

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आप यह भूल जाए 

भारत के पूर्व प्रधान मंत्री श्री नरसिम्हा राव कि सार्वजानिक अपील के सन्दर्भ में ----

दोस्तों अपना कान खोले 
अपनी नज़र अपना ध्यान 
मेरी तरफ मोड़े 
मैं  राजनीती के समंदर में 
सरकारी महारथिओ की  मदद से 
गोते लगा कर 
देश कि सम्रिधि और 
आर्थिक स्वतंत्रता के लिए 
एक राज़ हासिल कर लाया हूँ 
जिससे देश कि सम्रिधि बढ़ेगी 
और आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी 
बस आप को करना इतना है 
कि तीन वर्ष तक आप भूल जाए 
कि आप है 
और आप की समस्याए है 
तीन वर्ष बाद -----
भारत का अर्थ तंत्र 
विश्व के सारे  कीर्ति मान तोड़ कर 
शिखर पर चढ़ जाएगा 
और यह देश भारत ,
 फिर से 
सोने कि चिड़िया कहलाएगा 
बस एक बार ,बस एक बार 
आप यह भूल जाए 
कि आप है 
और आप की समस्याए है 

                                      अशोक जौहरी